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आउटरीच अभियान में कई चौंकाने वाला खुलासा, कोविड-19 से मरने वाले कई लोगों का नाम रिकॉर्ड में नहीं आ पाया

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कोरोना की वजह से रोजगार गया, व्यवसाय भी खत्म हुआ, मिला केवल राशन
रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से गुरुवार से शुरू आउटरीच अभियान के दौरान प्रारंभिक सर्वेक्षण के दौरान जमीनी वास्तविकता से जुड़े कई चौंकाने वाले नतीजे सामने आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के कोरोना योद्धा द्वारा शुरू घर-घर सर्वेक्षण अभियान के दौरान यह बातें सामने आयी हैं कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान कई लोगों की मौत कोविड-19 के कारण घर पर ही हो गयी, लेकिन आर्थिक कठिनाईयों और अन्य वजहों से वे अपने परिजन को अस्पताल में भर्ती तक नहीं करा पाये। वहीं यह बात भी सामने आयी है कि इस संक्रमण काल में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अधिकांश लोगों का रोजगार और व्यवसाय ठप्प पड़ गया है। केन्द्र सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिली हैं, सिर्फ राशन समय पर मिल जा रहा हैं, हालांकि राशन कार्ड में भी कई कमियों को लेकर लोगों ने शिकायत दर्ज करायी।
रांची के कांके के हातमा बस्ती में कोरोना योद्धा सुषमा हेम्ब्रम और अर्चना कुमारी ने आउटरीच अभियान के दौरान घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात की और पार्टी द्वारा निर्धारित फॉर्म को भरवाया। इस मौके पर विशेष रूप से प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू और वरिष्ठ नेता निरंजन पासवान उपस्थित थे।
आउटरीच अभियान के दौरान यह बात सामने आयी कि कई लोगों की मौत कोरोना संक्रमणकाल में कोविड-19 के कारण हो गयी, लेकिन कोविड अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण व अन्य कारणों से भी उनकी मौत का ब्यौरा कोरोना संक्रमण से होने की बात रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो पायी। इस दौरान गांव के लोगों ने बताया कि 35 वर्षीय महिला निक्की टोप्पो, 45 वर्षीय प्रमोद टोप्पो, 40 वर्षीय लक्ष्मण मिर्धा, 46 वर्षीय रवि मिर्धा और 42 वर्षीय सोनू मिर्धा की मौत कोरोना संक्रमण से हो गयी।ग्राम वासियों ने बताया कि अब तक उन्हें केंद्र सरकार से कोई सहायता नहीं मिली है, हालांकि राज्य सरकार की ओर से समय पर अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसके कारण उनकी मुश्किलें थोड़ी कम हुई है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनके रोजगार और व्यवसाय पर भी प्रतिकुल असर पड़ा है, जिसके कारण आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
सर्वे के दौरान कांग्रेस प्रवक्ताओं को पुतुल देवी, रिंकू पासवान गीता देवी, दीपा कुमारी, सुशांन देवी ने बताया कि वह घरों में काम करते हैं लेकिन संक्रमण के दौरान यह भी काम उन्हें नहीं मिल पा रहा था एवं पुरुष गाड़ी चलाते हैं जो अभी नहीं चल रहा है। मीना देवी, कमला देवी, मनीषा कुमारी, रिंकू देवी, गीता देवी, पूजा देवी, आंचल देवी,लक्ष्मी देवी समेत अन्य घरों में जाकर कोरोना योद्धा की ओर से जानकारी हासिल की गयी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ताओं ने बताया कि आउटरीच अभियान के दौरान सर्वेक्षण रिपोर्ट संकलित कर केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी और संक्रमणकाल में प्रभावित लोगों की वास्तविक हालात से सरकार को अवगत कराने का काम और उन तक आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी।

जानकारी, तरीक़ा और तकनीक से लैस तीसरी लहर के लिए तैयार हो रहे कोरोना योद्धा
संभावित तीसरी लहर में ग्रामीणों के लिए बनेंगे सुरक्षा कवच
रांची। पाकुड़ निवासी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर रश्मि टोप्पो कोरोना संक्रमण के संभावित तीसरी लहर से जंग और ग्रामीणों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कवच के रूप में खुद को तैयार कर रही है। रश्मि कहती है सरकार तीसरी लहर से ग्रामीणों को सुरक्षित रखने का लक्ष्य को पूरा करना हमारा संकल्प है। संकटकाल में मानव सेवा से बढकर और कुछ नहीं। सिमडेगा स्थित बानो की ए॰एन॰एम अंजना उरावं समेत करीब 90 महिलाएं खुद को कोरोना योद्धा के रूप में तैयार करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं है।

कौन दे रहा है प्रशिक्षण

झारखण्ड सरकार, प्रेझा फ़ाउंडेशन और एचडीएफ़सी बैंक ‘परिवर्तन’ के पहल पर यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य कर्मियों, सहिया दीदी, आशा दीदी को दिया जा रहा है। ये सभी झारखंड के दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवा बहाल रखने के लिए काम कर रहे हैं। प्रेझा फ़ाउंडेशन द्वारा संचालित नर्सिंग कौशल कॉलेज चान्हो, गुमला एवं चाईबासा में 15 दिवसीय इस आवासीय प्रशिक्षण में 90 प्रशिक्षुओं को भारतीय सैन्य सेवा के रीटाइर्ड डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में एनाटॉमी, संक्रमण नियंत्रण, महामारी विज्ञान, टीकाकरण, ऑक्सीजन प्रशासन, इंजेक्शन, कीटाणुशोधन, नर्सिंग प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी, प्राथमिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी से जुड़ी जानकारी दी जा रही है।

क्यों दिया जा रहा है प्रशिक्षण

राज्य सरकार का मानना है कि प्रशिक्षण में नई तकनीक और तरीक़ों के बारे में स्वास्थ्य कर्मियों को जानकारी दी जाये। क्योंकि कोरोना से लड़ना है तो जानकारी, तकनीक और तरीक़ा जानना जरुरी है। ताकि लोगों को कोरोना से बचाया जा सके। सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी विशेषज्ञों की कमी के कारण इस पाठ्यक्रम को स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि कुशल या समर्पित स्वास्थ्यकर्मी कोरोना महामारी या किसी अन्य संक्रामक बीमारी के प्रबंधन में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर सकें। इस प्रशिक्षण में सारी बारीकियों से स्वास्थ्यकर्मियों को अवगत कराया जा रहा है और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना के खिलाफ जंग के लिए खुद को तैयार कर रहें हैं।

राज्य महामारी विज्ञानी डॉ0 प्रवीण कर्ण ने बताया कि “स्वास्थ्यकर्मियों के लिए महामारी विज्ञान पर यह आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का विषय बहुत ही गहन है। स्वास्थ्यकर्मियों को बीमारियों की निगरानी और पहचान से अवगत कराया जा रहा है। घर-घर सर्वेक्षण, कोरोना अनुरूप व्यवहार, जैव चिकित्सा, अपशिष्ट प्रबंधन के साथ-साथ संक्रमण नियंत्रण पर भी जानकारी दी जा रही है।

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विभिन्न उद्योगों के विकास के लिए रिसर्च एंड डिजाइन टीम का करें गठन -मुख्यमंत्री

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लाह और तसर आधारित उद्योगों का बढ़ावा मिले, प्रोससेसिंग यूनिट स्थापित हो
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में उद्योंगों के विकास के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं. यहां उद्योगों के लिए माकूल वातावरण औ औद्योगिक निवेश को बढावा देने के लिए निवेशकों को सुविधाएं और रियायतें देने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री आज उद्योग विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में इस बाबत अधिकारियों को कई निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों के साथ लघु, कुटीर और ग्रामोद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभाग कारगर कदम उठाए. इस मौके पर विभाग की ओर से उद्योंगों के विकास के लिए उठाए जा कदमों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई.

कृषि आधारित उद्योगों के लिए भी हो सिंगल विंडो सिस्टम

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कृषि आधारित उद्योंगों खासकर फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. यहां भी निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यहां भी सिंगल विंडो सिस्टम को कारगर तरीके से लागू किया जाए, ताकि यहां आने के लिए निवेशक आकर्षित हो सकें.

झारक्राफ्ट का प्रोफेशनली संचालन हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारक्राफ्ट इस राज्य की पहचान है. झारक्राफ्ट के उत्पादों की क्वालिटी अच्छी होने के साथ उसकी मांग भी बहुत है. लेकिन, उस हिसाब से झारक्राफ्ट को बाजार नहीं उपलब्ध हो रहा है. मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि झारक्राफ्ट को प्रोफेशनल तरीके से संचालित करने की जरूरत है. इसके उत्पादों के लिए विशेषज्ञों की टीम के साथ मार्केट स्टैटजी को नए सिरे से बनाएं, ताकि झारक्राफ्ट् के उत्पादों को बेहतर और सुलभ बाजार मिल सके. उन्होंने यह भी कहा कि झारक्राफ्ट से जुड़े कारीगरों के वर्किंग कंडीशन को बेहतर बनाया जाए. उनकी मैपिंग करने के साथ उन्हें मार्केट स्टैटजी की जानकारी भी दें.

उद्योंगों की संभावनाएं तलाशने के लिए रिसर्च टीम का हो गठन

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में लाह और तसर समेत कई अन्य उद्योंगों के लिए काफी संभावनाएं हैं, लेकिन इनका अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है. ऐसे में उद्योगों के लिए यहां क्या संभावनाएं हैं. उन्हें किस तरीके से स्थापित किया जा सकता है. इसका विभाग आकलन करे. इस दिशा में बइस बाबत रिसर्च एंड डिजाइन टीम का गठन करें, ताकि बेहतर परिणाम सामने आ सकें.

लाह और तसर उत्पादों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट बने

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाह औऱ तसर के उत्पादन में झारखंड देश का अग्रणी राज्य है. लेकिन, इन उत्पादों का अपने राज्य में बेहतर तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. ऐसे में लाह औऱ तसर आधारित उद्योगों को विशेष तौर पर बढ़ावा मिलना जरूरी है. उन्होंने कहा कि लाह और तसर उत्पादों के लिए यहां प्रोसेसिंग यूनिट बनाने की दिशा में विभाग योजनाबद्ध तरीके से पहल करे.

अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों को मिले बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को बढ़ावा देने पर सरकार का विशेष जोर है. उन्होंने कहा कि इन उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए सुविधाएं और रियायतें दी जा रही है. इस मौके पर विभागीय सचिव ने बताया कि राज्य में बन रहे इंडस्ट्रियल पार्कों में इन्हें जमीन अलॉटमेंट में प्राथमिकता के साथ रियायतें भी दी जा रही है, ताकि वे अपने उद्योंगों को स्थापित करने के साथ बेहतर तरीके से संचालित कर सकें.

इस बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, उद्योग विभाग की सचिव सचिव पूजा सिंघल, निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह और मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग बोर्ड के सीईओ श्री अजय कुमार मौजूद थे.

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किसानों की कर्ज माफी के लिए बैंकों को दिये 980 करोड़-बादल

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सभी किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड और केसीसी उपलब्ध करायेगी सरकार
रांची।राज्य के कृषि मंत्री बादल ने कहा कि सरकार प्रदेश के किसानों को संपन्न बनाने तथा रिकार्ड कृषि उत्पादन की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है। किसानों को समय पर बीज उपलब्ध कराने व यूरिया की समयबद्ध सप्लाई के लिये कृषि विभाग ने पूर्व से तैयारी कर रखी थी, उसे अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है। कृषि मंत्री आज रांची के नेपाल हाउस स्थित एनआईसी में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला में राज्य के सभी जिला कृषि पदाधिकारियों और विभाग से जुड़े पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

किसानों की कर्ज माफी के लिए बैंकों को दिये 980 करोड़

कृषि मंत्री बादल ने कहा कि अब तक 2 लाख 46 हजार किसानों की कर्ज माफी के लिये बैंकों को 980 करोड़ रुपये कृषि विभाग ने उपलब्ध करा दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कृषि विभाग इस बार पूरी तरह से कमांडिंग मोड में है। उम्मीद है कि पांच साल के इस कार्यकाल में सरकार राज्य के 24 लाख किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में सफलता हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं और आगामी वर्षों में हम देश के उन चुनिंदा कृषि प्रदेशों में शामिल होंगे, जो कृषि उत्पादन के क्षेत्र में खास स्थान रखते हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष समय पर बीज वितरण का कार्यक्रम पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया। साथ ही यूरिया का वितरण भी सभी किसानों के बीच किया जा रहा है। उन्होंने खरीफ के मौसम में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिये सभी प्रखंडों और जिला स्तर पर जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यशाला के आयोजन का निर्देश दिया। कहा, इससे कृषि से जुड़ी सभी तरह की तकनीकी जानकारी किसानों की सुलभ होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि खरीफ उत्पादन के लक्ष्य को 72 लाख मीट्रिक टन से आगे बढ़ा कर 100 लाख मीट्रिक टन करने के उद्देश्य से कार्य करें। बीएयू के प्रयासों की सराहना करते हुए बादल ने कहा कि नई तकनीक और परंपरागत कृषि के संयुक्त प्रयासों से ही हम कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैं।

कृषकों को योजनाओं का मिले लाभः अबू बक्कर

कार्यशाला में विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दिकी ने कहा कि किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिये पदाधिकारी, कृषि मित्र और जनसेवक किसानों से मिलें और उनकी जरूरतों के मुताबिक कृषि उत्पादन के संसाधन उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि जनसेवक अब जिला कृषि पदाधिकारी के अधीन रहेंगे। श्री सिद्दिकी ने कहा कि फसल राहत योजना के तहत किसानों का रजिस्ट्रेशन अवश्य करायें, ताकि फसल का नुकसान होने पर उसकी भरपाई की जा सके। वहीं हॉर्टीकल्चर के लिये प्रोग्रेसिव किसानों को ई- मार्केटिंग से जोड़ने का निर्देश दिया। कृषि सचिव ने कहा कि खेती योग्य जमीन के दायरे को बढ़ाना है। राज्य में करीब 10 लाख हेक्टेयर के गैप को कम करने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही किसानों को मल्टीक्रॉपिंग के लिये प्रोत्साहित करने और उनकी मांग के अनुरूप बीज, खाद और कृषि यंत्र उपलब्ध कराने का प्रयास करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिले में अलग-अलग विभागों द्वारा बने तालाब, डैम नहर के अगल बगल की जमीन पर खेती सुनिश्चित करें। वहीं जरूरत के मुताबिक सिंचाई योजना की रूपरेखा भी तैयार करें।

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अर्जुन मुंडा ने राज्यमंत्रियों व मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक् की

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रांची। जनजातीय कार्य मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्ली में अपने मंत्रालय के दोनों सहयोगी राज्यमंत्रियों के साथ मंत्रालय के सचिव एवं संयुक्त सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की। श्री मुंडा ने बताया कि आगामी दिनों में जनजातीय मंत्रालय द्वारा ली जाने वाली महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में विस्तार से चर्चा हुई।

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