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भाजपा के वायदे की सच्चाई आज देश-दुनिया के सामने है-आलोक दूबे

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गिरिडीह। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा ने सत्ता में आने पर प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को नौकरी देने, पेट्रोल-डीजल की कीमत 40-45 रुपये करने, गरीबी दूर करने, विदेशों में जमा काला धन वापस लाने और प्रत्येक नागरिकों के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा कराने समेत कई अन्य लोकलुभावन वायदा किया था। इन वायदों की सच्चाई आज देश-दुनिया के सामने हैं। सात वर्षां में मोदी सरकार की गलत नीतियों और कुशासन से देश का हर आम नागरिक परेशान नजर आ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने आज गिरिडीह में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर वर्ष देश में 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने का वायदा किया था,लेकिन सिर्फ सात वर्षा के कार्यकाल में ही 16 करोड़ लोगों को रोजगार खोना पड़ा है। इस दरम्यान करीब 23 करोड़ मध्यमवर्गीय परिवार गायब हो गये थे, अर्थात गरीबी रेखा से नीचे आ गये।
पेट्रोल-डीजल की कीमत आज 100 रुपये पहुंच गयी है। सरसो तेल, दाल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है। रोजगार खोने और महंगाई बढ़ने से आम लोगों की हालत किस तरह की हो गयी है, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं महंगाई के खिलाफ बोलने वाले नागरिकों, रोजगार मांगने वाले युवाओं और काले कृषि कानून को वापस लेने की मांग करने वाले किसानों को राष्ट्रविरोधी करार दिया गया है। कोरोना संक्रमण काल में जब देशभर में उद्योग धंधे बंद हो गये, लोगों की नौकरी छीन गयी, अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी, उस दौरान भी मोदी सरकार के एक-दो पूंजीपति मित्रों ने कई हजार गुणा मुनाफा कमाया और आज वे देश-दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल हो गये है।
प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि देश-दुनिया के विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर में मची अफरा-तफरी के लिए पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेवार है और यह प्राकृतिक आपदा नहीं था, बल्कि मोदी जनित आपदा था। जबकि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी बार-बार कोरोना संक्रमण के खतरे से देश को आगाह कर रहे थे, सरकार से आवश्यक कदम उठाने की अपील कर रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री राहुल गांधी के बातों पर अमल जरूर करती है, परंतु काफी नुकसान हो जाने के बाद राहुल गांधी की बातों पर ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अभी राहुल गांधी ने कोरोना की तीसरी से निपटने के लिए सरकार की आवश्यक तैयारियां पूरी करने की मांग कर रहे है। देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान नई दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों ने भी अगले कुछ दिनों में तीसरी लहर की चेतावनी दी है। इससे निपटने के लिए पर्याप्त कदम उठाये जाने की जरुरत है। राज्य सरकार ने इसी को ध्यान में रखते हुए आवश्यक तैयारियां में जुटी है। स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत बिना लॉकडाउन किये ना सिर्फ दूसरे वेब पर काबू पाया गया, बल्कि लगातार आधारभूत संरचना को बढ़ाने का काम किया जा रहा है। वहीं इस दौरान भाजपा कार्यालय में ताला लटका रहा, भाजपा के तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्री की भूमिका पूरी तरह से नदारत रही और अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी होने के बाद भाजपा नेता फिर से राजनीतिक बयानबाजी कर मीडिया की सुर्खियों में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं।
इस मौके पर गिरीडीह जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष नरेश बर्मा, उपाध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा, मीडिया प्रभारी सतीश केडिया भी उपस्थित थे।

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विभिन्न उद्योगों के विकास के लिए रिसर्च एंड डिजाइन टीम का करें गठन -मुख्यमंत्री

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लाह और तसर आधारित उद्योगों का बढ़ावा मिले, प्रोससेसिंग यूनिट स्थापित हो
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में उद्योंगों के विकास के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं. यहां उद्योगों के लिए माकूल वातावरण औ औद्योगिक निवेश को बढावा देने के लिए निवेशकों को सुविधाएं और रियायतें देने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री आज उद्योग विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में इस बाबत अधिकारियों को कई निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों के साथ लघु, कुटीर और ग्रामोद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभाग कारगर कदम उठाए. इस मौके पर विभाग की ओर से उद्योंगों के विकास के लिए उठाए जा कदमों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई.

कृषि आधारित उद्योगों के लिए भी हो सिंगल विंडो सिस्टम

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कृषि आधारित उद्योंगों खासकर फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. यहां भी निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यहां भी सिंगल विंडो सिस्टम को कारगर तरीके से लागू किया जाए, ताकि यहां आने के लिए निवेशक आकर्षित हो सकें.

झारक्राफ्ट का प्रोफेशनली संचालन हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारक्राफ्ट इस राज्य की पहचान है. झारक्राफ्ट के उत्पादों की क्वालिटी अच्छी होने के साथ उसकी मांग भी बहुत है. लेकिन, उस हिसाब से झारक्राफ्ट को बाजार नहीं उपलब्ध हो रहा है. मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि झारक्राफ्ट को प्रोफेशनल तरीके से संचालित करने की जरूरत है. इसके उत्पादों के लिए विशेषज्ञों की टीम के साथ मार्केट स्टैटजी को नए सिरे से बनाएं, ताकि झारक्राफ्ट् के उत्पादों को बेहतर और सुलभ बाजार मिल सके. उन्होंने यह भी कहा कि झारक्राफ्ट से जुड़े कारीगरों के वर्किंग कंडीशन को बेहतर बनाया जाए. उनकी मैपिंग करने के साथ उन्हें मार्केट स्टैटजी की जानकारी भी दें.

उद्योंगों की संभावनाएं तलाशने के लिए रिसर्च टीम का हो गठन

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में लाह और तसर समेत कई अन्य उद्योंगों के लिए काफी संभावनाएं हैं, लेकिन इनका अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है. ऐसे में उद्योगों के लिए यहां क्या संभावनाएं हैं. उन्हें किस तरीके से स्थापित किया जा सकता है. इसका विभाग आकलन करे. इस दिशा में बइस बाबत रिसर्च एंड डिजाइन टीम का गठन करें, ताकि बेहतर परिणाम सामने आ सकें.

लाह और तसर उत्पादों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट बने

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाह औऱ तसर के उत्पादन में झारखंड देश का अग्रणी राज्य है. लेकिन, इन उत्पादों का अपने राज्य में बेहतर तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. ऐसे में लाह औऱ तसर आधारित उद्योगों को विशेष तौर पर बढ़ावा मिलना जरूरी है. उन्होंने कहा कि लाह और तसर उत्पादों के लिए यहां प्रोसेसिंग यूनिट बनाने की दिशा में विभाग योजनाबद्ध तरीके से पहल करे.

अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों को मिले बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को बढ़ावा देने पर सरकार का विशेष जोर है. उन्होंने कहा कि इन उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए सुविधाएं और रियायतें दी जा रही है. इस मौके पर विभागीय सचिव ने बताया कि राज्य में बन रहे इंडस्ट्रियल पार्कों में इन्हें जमीन अलॉटमेंट में प्राथमिकता के साथ रियायतें भी दी जा रही है, ताकि वे अपने उद्योंगों को स्थापित करने के साथ बेहतर तरीके से संचालित कर सकें.

इस बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, उद्योग विभाग की सचिव सचिव पूजा सिंघल, निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह और मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग बोर्ड के सीईओ श्री अजय कुमार मौजूद थे.

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किसानों की कर्ज माफी के लिए बैंकों को दिये 980 करोड़-बादल

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सभी किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड और केसीसी उपलब्ध करायेगी सरकार
रांची।राज्य के कृषि मंत्री बादल ने कहा कि सरकार प्रदेश के किसानों को संपन्न बनाने तथा रिकार्ड कृषि उत्पादन की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है। किसानों को समय पर बीज उपलब्ध कराने व यूरिया की समयबद्ध सप्लाई के लिये कृषि विभाग ने पूर्व से तैयारी कर रखी थी, उसे अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है। कृषि मंत्री आज रांची के नेपाल हाउस स्थित एनआईसी में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला में राज्य के सभी जिला कृषि पदाधिकारियों और विभाग से जुड़े पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

किसानों की कर्ज माफी के लिए बैंकों को दिये 980 करोड़

कृषि मंत्री बादल ने कहा कि अब तक 2 लाख 46 हजार किसानों की कर्ज माफी के लिये बैंकों को 980 करोड़ रुपये कृषि विभाग ने उपलब्ध करा दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कृषि विभाग इस बार पूरी तरह से कमांडिंग मोड में है। उम्मीद है कि पांच साल के इस कार्यकाल में सरकार राज्य के 24 लाख किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में सफलता हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं और आगामी वर्षों में हम देश के उन चुनिंदा कृषि प्रदेशों में शामिल होंगे, जो कृषि उत्पादन के क्षेत्र में खास स्थान रखते हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष समय पर बीज वितरण का कार्यक्रम पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया। साथ ही यूरिया का वितरण भी सभी किसानों के बीच किया जा रहा है। उन्होंने खरीफ के मौसम में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिये सभी प्रखंडों और जिला स्तर पर जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यशाला के आयोजन का निर्देश दिया। कहा, इससे कृषि से जुड़ी सभी तरह की तकनीकी जानकारी किसानों की सुलभ होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि खरीफ उत्पादन के लक्ष्य को 72 लाख मीट्रिक टन से आगे बढ़ा कर 100 लाख मीट्रिक टन करने के उद्देश्य से कार्य करें। बीएयू के प्रयासों की सराहना करते हुए बादल ने कहा कि नई तकनीक और परंपरागत कृषि के संयुक्त प्रयासों से ही हम कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैं।

कृषकों को योजनाओं का मिले लाभः अबू बक्कर

कार्यशाला में विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दिकी ने कहा कि किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिये पदाधिकारी, कृषि मित्र और जनसेवक किसानों से मिलें और उनकी जरूरतों के मुताबिक कृषि उत्पादन के संसाधन उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि जनसेवक अब जिला कृषि पदाधिकारी के अधीन रहेंगे। श्री सिद्दिकी ने कहा कि फसल राहत योजना के तहत किसानों का रजिस्ट्रेशन अवश्य करायें, ताकि फसल का नुकसान होने पर उसकी भरपाई की जा सके। वहीं हॉर्टीकल्चर के लिये प्रोग्रेसिव किसानों को ई- मार्केटिंग से जोड़ने का निर्देश दिया। कृषि सचिव ने कहा कि खेती योग्य जमीन के दायरे को बढ़ाना है। राज्य में करीब 10 लाख हेक्टेयर के गैप को कम करने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही किसानों को मल्टीक्रॉपिंग के लिये प्रोत्साहित करने और उनकी मांग के अनुरूप बीज, खाद और कृषि यंत्र उपलब्ध कराने का प्रयास करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिले में अलग-अलग विभागों द्वारा बने तालाब, डैम नहर के अगल बगल की जमीन पर खेती सुनिश्चित करें। वहीं जरूरत के मुताबिक सिंचाई योजना की रूपरेखा भी तैयार करें।

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अर्जुन मुंडा ने राज्यमंत्रियों व मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक् की

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रांची। जनजातीय कार्य मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्ली में अपने मंत्रालय के दोनों सहयोगी राज्यमंत्रियों के साथ मंत्रालय के सचिव एवं संयुक्त सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की। श्री मुंडा ने बताया कि आगामी दिनों में जनजातीय मंत्रालय द्वारा ली जाने वाली महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में विस्तार से चर्चा हुई।

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